



राजस्थान सरकार ने पाली, जालोर, सिरोही और बाड़मेर जिलों की पेयजल समस्या के स्थायी समाधान की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में बुधवार को एक अहम बैठक हुई जिसमें पशुपालन मंत्री जोराराम कुमावत और जल संसाधन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक में माही डैम को जवाई बांध से जोड़ने के 7,000 करोड़ रुपये के मेगा प्रोजेक्ट की डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) को लेकर चर्चा हुई।
पशुपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने बताया कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा द्वारा बजट 2024-25 में घोषित इस महत्वाकांक्षी परियोजना को अब ज़मीन पर उतारने की तैयारियां तेज हो गई हैं। माही एवं सोम नदी के मानसून अवधि में अधिशेष जल को जयसमंद बांध समेत अन्य जल स्रोतों के माध्यम से जवाई बांध तक लाया जाएगा।
इस योजना के लिए 15.60 करोड़ रुपये की प्रशासनिक और तकनीकी स्वीकृति जल संसाधन विभाग द्वारा जारी कर दी गई है। परियोजना की डीपीआर बनाने का जिम्मा वाप्कोस लिमिटेड को सौंपा गया है, जिसे जल संसाधन खंड सलूंबर के अधिशासी अभियंता द्वारा कार्यादेश जारी किया गया था। वाप्कोस ने अपनी इन्सपेक्शन रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी है, जिसे विभाग ने अनुमोदित भी कर दिया है।
मंत्री कुमावत ने बताया कि इस परियोजना के पूरा होने के बाद उदयपुर, सिरोही, पाली और जोधपुर जिलों में न केवल पेयजल संकट से राहत मिलेगी, बल्कि लगभग 16,000 हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचाई सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। यह परियोजना दक्षिण राजस्थान के लाखों लोगों के जीवन में बदलाव लाने वाला साबित हो सकती है।